विद्युत यांत्रिक संवर्ग को स्थानान्तरण नीति से मुक्त रखा जाए : यूपीईए

लखनऊ।


उत्तर प्रदेश इंजीनियर्स एसोसिएशन (यूपीईए) ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि लोक निर्माण विभाग में सिविल और विद्युत यांत्रिक संवर्ग की एक जैसी स्थानानतरण नीति के कारण आ रहे व्यवधान को समाप्त करने के लिए विद्युत यांत्रिक संवर्ग की तबादला नीति में फेरबदल किया जाए। मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में यूपीईए ने कहा कि जिस तरह से लोक निर्माण विभाग में वास्तुविद वर्ग एवं अन्वेषणालय वर्ग के समूह क एवं ख वर्ग के अधिकारियों को स्थानान्तरण नीति से मुक्त रखा गया है उसी तरह से विद्युत यांत्रिक संवर्ग को सामान्य स्थानान्तरण नीति से मुक्त रखा जाए।
यूपीईए के अध्यक्ष इं. सुरजीत सिंह निरंजन ने पत्र के माध्यम से कहा है कि लोक निर्माण विभाग मुख्यतः सिविल कार्यों से सम्बंधित बड़ा विभाग है। ऐसे में सिविल संवर्ग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मण्डल, क्षेत्रीय मुख्य अभियंता और जनपद स्तर पर अधीक्षण अभियंता वृतीय एवं खण्डीय कार्यालय विद्यमान है। जबकि विभाग में विद्युत यांत्रिक संवर्ग अत्यंत अल्प स्तर पर विद्यमान है। विद्युत यांत्रिक संवर्ग के मुख्य अभियंता का पूरा प्रदेश में एकमात्र कार्यालय हैं जो कि राजधानी में स्थापित है। इस संवर्ग के पूरे प्रदेश में मात्र चार अधीक्षण अभियंता वृत्तीय कार्यालय है। मण्डल स्तर पर अधीक्षण अभियंता के दो कार्यालय लखनऊ तथा एक वाराणसी तथा एक मुरादाबाद में है। विद्युत यांत्रिक संवर्ग के प्रदेश में मात्र 23 खण्डीय कार्यालय है। इन 23 खण्डों में से सिर्फ लखनऊ में आठ खण्ड स्थापित है जबकि देवी पाटन, चित्रकूट और बस्ती मण्डल रिक्त है। चूकि जनपद में एक भी खण्ड नही है ऐसे में इसकी गणना जनपदीय आधार पर नही की जा सकती। इसी तरह सभी मण्डलों में खण्डीय कार्यालय नही है।दूसरी तरफ लखनऊ मण्डल में ही एक तिहाई से अधिक खण्डीय कार्यालय होने से इसकी गणना मण्डलीय आधार पर भी नही की जा सकती। ऐसे में लोक निर्माण विभाग में सिविल संवर्ग के आधार पर स्थानान्तरण नीति के आधार पर ही विद्युत यांत्रिक संवर्ग का स्थानान्तरण कर दिया जाता है।
निरंजन ने बताया कि सिविल एवं विद्युत यांत्रिक संवर्ग की संरचनात्त्मक दृष्टि से यह स्थानान्तरण लगभग औचित्य विहीन है। ऐसे में स्थानान्तरण में आने वाला व्ययभार एवं कार्य न होने पर भी अभियंताओं को केवल स्थानान्तरण तिथि के नाम पर बेकाम स्थानानतरण का शिकार होना पड़ता है। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया कि संरचनात्मक स्थिति में सिविल संवर्ग के लिए बनाई गई स्थानान्तरण नीति विद्युत यांत्रिक संवर्ग पर लागू नही होनी चाहिए। उन्होंने उदाहरण स्वरूप स्पष्ट किया कि लोक निर्माण विभाग में इसी के आधार पर वास्तुविद एवं अन्वेषणालय वर्ग के समूह क एवं ख के अधिकारियों को इस स्थानानतरण नीति से मुक्त रखा गया है। एसोसिएशन से इसी आधार पर मुख्यमंत्री से मांग की है कि लोक निर्माण विभाग में विद्युत यांत्रिक संवर्ग की अल्पता को दृष्टिगत करते हुए कार्मिक अनुभाग के पत्रांक 2/2019/3/96-का-4-2019 दिनांक 28-05-2019 द्वारा जारी स्थानान्तरण नीति के बिन्दु संख्या 10 के परिप्रेक्ष्य में कार्रवाई की जाए।


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