यूपी में व्याप्त है भय का वातावरण : लोकदल
लखनऊ, 11 अक्टूबर 2019 (आईपीएन)। लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष कुबेर भंडारी ने प्रदेश में बिगड़ी हुयी कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि वर्तमान उ0प्र0 सरकार की गलत नीतियों के कारणं प्रदेश में हत्या, लूट तथा बलात्कार की बाढ आ गयी है जिससे आम जनमानस का जीना दूभर हो गया है महिलाएं अपने आपको असुरिक्षत महसूस कर रही हैं। प्रदेश के कई शहरों में हत्या हुई है, जिसका एक हाल ही में उदाहरण पुष्पेंद्र है यह फेक एनकाउण्टर है। लगभग 2 दर्जन गोलीकाण्ड हो चुके हैं। भ्रष्टाचार के मामले में प्रदेश सरकार ने नए नए कीर्तिमान स्थापित किये हैं। हैवानियत का नंगा नाच करने वाले अपराधियों पर योगी सरकार कोई कार्यवाही न करके मूक बधिर बनकर सिर्फ तमाशा देखने का काम कर रही है।
योगी राज के कार्यकाल में अब तक जनपद कासगंज में पुलिस इस्पेक्टर की हत्या और हत्यारों का महिमा मण्डन, उन्नाव बलात्कार पीडिता की हत्या का प्रयास और उसके परिवार के सदस्यों की निर्मम हत्याएं, हापुड में माब लिंचिंग, आगरा मेंं छात्रा को जिंदा फूंकने, विवेक तिवारी हत्याकाण्ड, भदोही के पुलिस थाने में वृद्व की पिटाई से निर्मम मौत, सोनभद्र के उम्भा में दर्दनाक नरसंसार जैसी घटनाओं ने कानून व्यवस्था को तार तार करने का काम किया है। लेकिन वर्तमान उ0प्र0 सरकार घटनाओं पर अंकुश लगाने की बजाय गुण्डों माफियाओं को संरक्षण देने का काम कर रही है। जिससे प्रदेश में भय का वातावरण व्याप्त है और कानून व्यवस्था पूर्णतया ध्वस्त हो चुकी है। व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है। उत्तर प्रदेश प्रगति में लगातार पिछड़ता जा रहा है। उसका आचरण अलोकतांत्रिक और व्यवहार जनविरोधी है।
योगी राज के कार्यकाल में अब तक जनपद कासगंज में पुलिस इस्पेक्टर की हत्या और हत्यारों का महिमा मण्डन, उन्नाव बलात्कार पीडिता की हत्या का प्रयास और उसके परिवार के सदस्यों की निर्मम हत्याएं, हापुड में माब लिंचिंग, आगरा मेंं छात्रा को जिंदा फूंकने, विवेक तिवारी हत्याकाण्ड, भदोही के पुलिस थाने में वृद्व की पिटाई से निर्मम मौत, सोनभद्र के उम्भा में दर्दनाक नरसंसार जैसी घटनाओं ने कानून व्यवस्था को तार तार करने का काम किया है। लेकिन वर्तमान उ0प्र0 सरकार घटनाओं पर अंकुश लगाने की बजाय गुण्डों माफियाओं को संरक्षण देने का काम कर रही है। जिससे प्रदेश में भय का वातावरण व्याप्त है और कानून व्यवस्था पूर्णतया ध्वस्त हो चुकी है। व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है। उत्तर प्रदेश प्रगति में लगातार पिछड़ता जा रहा है। उसका आचरण अलोकतांत्रिक और व्यवहार जनविरोधी है।