अखिलेश और अजित ने गन्ना किसानों को केवल सब्जबाग ही दिखाए: भाजपा
लखनऊ।
भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि गन्ना किसानों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कितने संवेदनशील हैं इसकी एक झलक बागपत की रमाला चीनी मिल में दिखाई पड़ जाती है। प्रदेश में सरकार की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश के गन्ना किसानों की बदहाली दूर करने का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया था।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डा. चन्द्रमोहन ने आईपीएन से बातचीत में कहा कि इन्हीं कई कार्यों में एक था पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चरण सिंह की कर्म भूमि रहे बागपत जिले की रमाला चीनी मिल का क्षमता विस्तार। मुख्यमंत्री ने पिछले वर्ष ही रमाला चीनी मिल की क्षमता बढ़ाने की घोषणा की थी। एक ओर जहां पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष अजित सिंह ने गन्ना किसानों को केवल सब्जबाग ही दिखाए। किसानों की बेहतरी के लिए प्रयास करने की बजाय अपना हित साधन करते रहे। वहीं भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार गन्ना किसानों से जुड़ी योजनाओं की निगरानी करते रहे। इसी का नतीजा है कि मुख्यमंत्री 4 नवंबर को बागपत की रमाला सहकारी चीनी मिल की क्षमता विस्तार का लोकार्पण करने जा रहे हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि इस चीनी मिल की क्षमता 27500 क्ंिवटल गन्ना पेराई प्रतिदिन से बढ़ाकर 50 हजार क्विंटल कर दिया गया है। इसके अलावा रमाला चीनी मिल में 27 मेगावाट का बिजली उत्पादन संयत्र भी लगाया गया है। चीनी मिल की बढ़ी क्षमता से करीब 90 लाख क्विंटल गन्ना पेराई होगी और अनुमानित 9.5 क्विंटल चीनी का उत्पादन होगा। चीनी मिल को 35 हजार किसान गन्ना की आपूर्ति करेंगे और करीब 2500 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
प्रवक्ता ने कहा कि गन्ना विकास के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से संचालित योजनाएं न केवल पश्चिमी यूपी में बल्कि अभूतपूर्व रूप से पूर्वी यूपी में भी रंग दिखाने लगी हैं। गन्ने की वैज्ञानिक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करने और गन्ना विकास योजनाओं को उन तक पहुंचाने का नतीजा ही है कि गोरखपुर में गन्ना के क्षेत्रफल में 1000 हेक्टेयर का इजाफा हुआ है। पिपराइच और बस्ती की मुंडेरवा चीनी मिल के शुरू होने, दूसरी चीनी मिलों के पेराई सत्र की अवधि बढ़ने, समय पर गन्ना मूल्य का भुगतान होने से किसानों में गन्ना की खेती के प्रति रुझान बढ़ रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि वहीं विपक्षी पार्टियों के शासन में यूपी में गन्ना की खेती एक बुरा सपना बनकर रह गई थी। पिछली सपा शासनकाल के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गन्ना किसानों की हालत बद से बदतर कर दी थी। योगी सरकार ने न केवल गन्ना किसानों का सम्मान बढ़ाया है बल्कि इन्हें उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने की प्रक्रिया में बराबर का भागीदार भी बनाया है।