अयोध्या फैसले को लेकर जिले में धारा-144 लागू

शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास करने वालों पर होगी कठोर कार्यवाही : डीएम
गोण्डा।

आगामी दिनों में अयोध्या प्रकरण को लेकर माननीय सर्वोच्च के आने वाले फैसले को लेकर जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल द्वारा जिले में तत्काल प्रभाव से धारा 144 लागू कर दी गई है।
जिलाधिकारी ने बताया है कि विभिन्न माध्यमों व स्रोतों से प्राप्त सूचना क अनुसार आगामी दिवसों में विभिन्न धार्मिक एवं राजनैतिक संगठनों, संस्थाओ, व्यक्तियों आदि द्वारा जनपद अयोध्या की ओर प्रस्थान कर जनपद के विभिन्न भागों में धरना, प्रदर्शन, जुलूस, मार्च, पदयात्रा इत्यादि द्वारा अथवा अन्य प्रकार के अविधिक, असामाजिक क्रिया-कलापों से शान्ति-व्यवस्था भंग की जा सकती है तथा आगामी अवधि में ईद-ए-मिलाद (बारावफात), गुरूनानक जयन्ती, वीरांगना ऊदा देवी शहीद दिवस, गुरू तेग बहादुर शहीद दिवस, चैधरी चरण सिंह का जन्मदिवस, क्रिसमस ईव, क्रिसमस डे आदि  विभिन्न त्यौहारों के साथ ही परिक्रमा, कार्तिक पूर्णिमा मेला व 06 दिसम्बर सहित राज्य व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद, उत्तर प्रदेश द्वारा राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की सेमेस्टर प्रणाली की एस0सी0वी0टी0 परीक्षा एवं ऑन लाइन एन्युअल सिस्टम परीक्षाएं आयोजित होनी हैं। इसलिए आगामी समय में विभिन्न धार्मिक, राजनैतिक संगठनों, संस्थाओं, व्यक्तियों के संभावित आयोजनों, कार्यक्रमों के साथ ही त्यौहार व शैक्षणिक परीक्षाओं एवं उच्चतम् न्यायालय के संभावित निर्णय के दृष्टिगत जनपद में लोक व्यवस्था, शांति व्यवस्था एवं जन सुरक्षा बनाये रखने हेतु जिले में तत्काल प्रभाव से धारा 144 लागू करते हुए सभी अधिकारियो को आदेश का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।  अतिआवश्यक है।
जिलाधिकारी ने बताया कि दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 में विहित अधिकारों का प्रयोग करते हुए लोक व्यवस्था, शांति व्यवस्था, जन सुरक्षा एवं जनजीवन को सामान्य बनाये रखने की दृष्टि से जनपद की सम्पूर्ण सीमा में इसके अन्तर्गत पड़ने वाले समस्त नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र हेतु निषेधाज्ञा जारी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि जनपद गोण्डा में किसी भी व्यक्ति, संस्था, संगठन द्वारा किसी कार्यक्रम के माध्यम से साम्प्रदायिक सद्भाव व सामाजिक सौमनस्य को बिगाड़ने का प्रयास नहीं किया जायेगा। इसी प्रकार ड्यूटी पर तैनात शासकीय कर्मचारियों व अधिकारियों और अन्य कर्मियों, जो शासकीय अस्त्र-शस्त्र धारण करने हेतु अधिकृत हैं, को छोड़कर कोई भी व्यक्ति आग्नेयास्त्र, विस्फोटक पदार्थ, लाठी, बल्लम, भाला अथवा तेज धार हथियार लेकर सार्वजनिक रूप से न तो विचरण करेगा और न ही किसी प्रकार से ऐसे अस्त्र-शस्त्रों का प्रदर्शन करेगा एवं सक्षम अधिकारी के स्तर से छूट या अनुमति के बगैर अपने पास नहीं रखेगा। किसी प्रकार के आयोजन या समारोहों में भी अन्य अस्त्र-शस्त्र के साथ ही लाइसेंसी अस्त्रों का प्रदर्शन व उपयोग भी प्रतिबंधित होगा। उन्होने यह भी बताया कि परम्परागत पर्वो व त्यौहारों में जनसामान्य के शान्ति एवं सौहार्दपूर्ण ढंग से सम्मिलित होने, विवाहोत्सव, शव यात्राओं या शासन के विभिन्न विभागों के प्रबन्धाधीन प्रेक्षागृहों के अन्दर आयोजित श्लील सांस्कृतिक/एकेडमिक कार्यक्रम, ड्युटी पर तैनात अधिकारी/कर्मचारी सिक्ख समुदाय के लोग धार्मिक हथियार के रूप में कृपाण धारण करने व बूढ़े, दिव्यांग व्यक्ति जो सहारे के लिए छड़ी या लाठी का प्रयोग करते हैं, इस प्रतिबन्ध से मुक्त रहेंगे। इस दौरान कोई भी सभा या रैली आदि ऐसे स्थान पर आयोजित नहीं की जायेगी, जहां कोई निषेधाज्ञा या प्रतिबन्धात्मक आदेश शासन, स्थानीय प्रशासन अथवा न्यायालय आदि द्वारा लागू किये गये हों तथा प्रभावी हों।
सोशल मीडिया पर रहेगी विशेष नजर, भड़काऊ पोस्ट डालने वालों पर होगी कठोर कार्यवाही
जिलाधिकारी ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के दृष्टिगत कोई भी व्यक्ति, संगठन, समूह, सम्प्रदाय, दल सोशल मीडिया साइट्स जैसे व्हाटस्अप, फेसबुक, मैसेन्जर, इन्स्टाग्राम, हाइक, टेलीग्राम, ट्वीटर आदि या अन्य किसी माध्यम से किसी भी धर्म, पंथ या सम्प्रदाय आदि के किसी भी महापुरूष, देवी-देवता आदि का प्रत्यक्ष या परोक्ष, किसी भी रूप से अनादर करने का प्रयास नहीं करेगा और न ही बिना सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति प्राप्त किये देवी-देवताओं अथवा किसी भी महापुरूष की मूर्ति ही स्थापित करेगा तथा कोई भी व्यक्ति, संगठन, समूह, सम्प्रदाय, दल, सोशल मीडिया साइट्स जैसे व्हाटस्अप, फेसबुक, मैसेन्जर, इन्स्टाग्राम आदि या अन्य किसी माध्यम से किसी भी प्रकार के साम्प्रदायिक, भ्रामक, असत्य, दिग्भ्रमित व जनसामान्य को भड़काने वाली किसी भी प्रकार का कोई लेखन, वाल पेन्टिंग नहीं करेगा न ही करायेगा। साथ ही कोई अफवाह फैलाने वाला मैसेज, फोटो, पोस्ट, लाइक अथवा शेयर नहीं करेगा और न ही फैलायेगा जिससे साम्प्रदायिक सौहार्द व सामाजिक सामंजस्य बिगाड़ने की स्थिति उत्पन्न हो। इसके अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति, समूह, संगठन या दल द्वारा कोई भी अपील, कूच, घेराव , आह्वान इस आशय से नहीं किया जायेगा, जिससे जनपद में कोई भीड़ जनसमूह एकत्रित हो एवं किसी भी प्रकार से मीडिया में, इस प्रकार का वक्तव्य या तीखी टिप्पणी नहीं करेगा, जिससे किसी भी व्यक्ति, समूह, संगठन राजनैतिक दल, समुदाय, सम्प्रदाय, धर्म को ठेस पहुंचे तथा साम्प्रदायिक सौहार्द एवं सामाजिक सामन्जस्य बिगड़ने की स्थिति उत्पन्न हो और न हीं ध्वनि विस्तारक यंत्र, ढोल, नगाड़ा, आतिशबाजी व बैण्ड के साथ अथवा अन्य प्रकार से कोई भी विजय या गमी जुलूस ही निकाला जायेगा एवं विजयोत्सव/ गमी जुलूस पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेगा।
बिना अनुमति के नहीं होगी मीडिया डिबेट
जिलाधिकारी ने बताया है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के दृष्टिगत कोई भी मीडिया (इलेक्ट्रानिक व सोशल मीडिया आदि) बिना अनुमति के सार्वजनिक स्थल पर कोई भी डिबेट अथवा परिचर्चा नहीं की जायेगी। इस हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा विधिवत् अनुमति प्राप्त की जायेगी और उसमें निर्धारित शर्तो का अनुपालन किया जायेगा और श्रीराम जन्मभूमि, बाबरी मस्जिद के सम्बन्ध में किसी भी व्यक्ति, समूह, संगठन, दल आदि द्वारा कोई ऐसा कार्यक्रम,समारोह, रैली, पद यात्रा, परिक्रमा, जनसभा आदि नहीं किया जायेगा तथा किसी भी प्रकार के पोस्टर, बैनर, वॉल पेण्टिंग, पैम्फ्लेट, फेसबुक, व्हाटस्अप, ट्वीटर सोशल मीडिया आदि अन्य किसी भी माध्यम से इस प्रकार का कोई संदेश प्रचारित, प्रसारित नहीं किया जायेगा, जिससे कि किसी दल, समूह, व्यक्ति, संगठन, समुदाय ,सम्प्रदाय, धर्म को ठेस पहुंचे अथवा साम्प्रदायिक सौहार्द एवं सामाजिक सामन्जस्य बिगड़ने की स्थिति उत्पन्न हो।


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