चिन्मयानंद केस में दुष्कर्म और रंगदारी मामले में एसआईटी ने सीजेएम कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट
लखनऊ।
पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद पर लगे लॉ छात्रा से दुष्कर्म के आरोपों और उनसे रंगदारी मांगे जाने के मामले में विशेष जांच दल (एसआइटी) की विवेचना पूरी हो गई है। एसआइटी ने बुधवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सीजेएम ओमवीर सिंह की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। इस दौरान चिन्मयानंद, छात्रा व तीनों आरोपित युवक भी वहां पर मौजूद रहे। अब इस मामले में हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की जाएगी।
बुधवार पूर्वाह्न करीब 11 बजे एसआइटी दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद चिन्मयानंद को कड़ी सुरक्षा में साथ लेकर सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने पहुंची। इस दौरान कोर्ट परिसर में पुलिस बल तैनात रहा। सीजेएम कोर्ट में चिन्मयानंद की पेशी के बाद उनको जेल में वापस दाखिल कर दिया गया। उसके बाद रंगदारी में आरोपित छात्रा, उसके दोस्त संजय सिंह, विक्रम सिंह और सचिन सेंगर को जेल से कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया। एसआइटी ने चिन्मयानंद प्रकरण में पांचों आरोपित को सीजेएम कोर्ट में पेश करते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी है। एसआइटी अब गुरुवार को हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करेगी। वहीं, 28 नवंबर को हाईकोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेशी करेगी। बुधवार को एसआइटी की टीम केस डायरी व चार्जशीट लेकर सीजेएम कोर्ट पहुंची। करीब 11 बजे चिन्मयानंद को कोर्ट में लाया गया, जहां सीजेएम ओमवीर सिंह ने उन पर लगे आरोपों के बारे में बताया। इसके बाद आरोप पत्र पर उनका हस्ताक्षर कराया गया। करीब बीस मिनट तक रुकने के बाद चिन्मयानंद को वापस ले जाया गया। उसके बाद छात्रा, संजय सिंह, विक्रम सिंह व सचिन सेंगर को वहां लाया गया। चारों लोगों को कोर्ट में पेश किया गया। उन सभी पर एक-एक कर आरोप बताए गए। उनके भी हस्ताक्षर आरोप पत्र पर लिए गए। करीब बीस मिनट तक चारों आरोपित वहां पर रुके। उसके बाद उन्हें भी वहां से वापस जेल भेज दिया गया।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शासन की ओर से गठित एसआइटी ने सात सितंबर को चिन्मयानंद पर लगे दुष्कर्म व रंगदारी प्रकरण में जांच शुरू की थी। हाईकोर्ट पूरे मामले की निगरानी कर रहा है। एसआइटी अब तक दो बार स्टेटस रिपोर्ट भी हाईकोर्ट में पेश कर चुकी है। मंगलवार को एसआइटी के आइजी नवीन अरोड़ा ने प्रेसवार्ता करते हुए चिन्मयानंद मामले में अपनी जांच पूरी होने की बात कही थी। गुरुवार को एसआइटी हाईकोर्ट में अपना जबाव पेश करेगी। वहीं, 28 नवंबर को इस प्रकरण में हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जानी है।
यह भी बता दें कि एसआइटी की जांच करीब 60 दिन तक चली। 79 साक्ष्य जुटाए गए। 105 लोगों से पूछताछ की गई। 4700 पेज की केस डायरी तैयार हुई। बीस-बीस पेज की चार्जशीट बनाई गईं। जांच के दौरान 24 भौतिक व 55 अभिलेखीय साक्ष्य एकत्र किए गए। प्रकरण में गवाह बने कार चालक अनूप की ओर से दिए गए वीडियो, चिन्यमानंद, सचिन सेंगर, ओम सिंह आदि के मोबाइल फोन की लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला में फोरेसिंक जांच कराकर मिरर इमेज तैयार कराई गयी। ओम सिंह व चिन्मयानंद के मोबाइल फोन का डिलीट हुआ डाटा भी रिकवर कराया गया। फोन को लखनऊ के अलावा गुजरात की गांधीनगर स्थित डायरेक्टरेट ऑफ फोरेंसिक साइंस लैब भेजा गया।
बुधवार पूर्वाह्न करीब 11 बजे एसआइटी दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद चिन्मयानंद को कड़ी सुरक्षा में साथ लेकर सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने पहुंची। इस दौरान कोर्ट परिसर में पुलिस बल तैनात रहा। सीजेएम कोर्ट में चिन्मयानंद की पेशी के बाद उनको जेल में वापस दाखिल कर दिया गया। उसके बाद रंगदारी में आरोपित छात्रा, उसके दोस्त संजय सिंह, विक्रम सिंह और सचिन सेंगर को जेल से कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया। एसआइटी ने चिन्मयानंद प्रकरण में पांचों आरोपित को सीजेएम कोर्ट में पेश करते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी है। एसआइटी अब गुरुवार को हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल करेगी। वहीं, 28 नवंबर को हाईकोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेशी करेगी। बुधवार को एसआइटी की टीम केस डायरी व चार्जशीट लेकर सीजेएम कोर्ट पहुंची। करीब 11 बजे चिन्मयानंद को कोर्ट में लाया गया, जहां सीजेएम ओमवीर सिंह ने उन पर लगे आरोपों के बारे में बताया। इसके बाद आरोप पत्र पर उनका हस्ताक्षर कराया गया। करीब बीस मिनट तक रुकने के बाद चिन्मयानंद को वापस ले जाया गया। उसके बाद छात्रा, संजय सिंह, विक्रम सिंह व सचिन सेंगर को वहां लाया गया। चारों लोगों को कोर्ट में पेश किया गया। उन सभी पर एक-एक कर आरोप बताए गए। उनके भी हस्ताक्षर आरोप पत्र पर लिए गए। करीब बीस मिनट तक चारों आरोपित वहां पर रुके। उसके बाद उन्हें भी वहां से वापस जेल भेज दिया गया।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शासन की ओर से गठित एसआइटी ने सात सितंबर को चिन्मयानंद पर लगे दुष्कर्म व रंगदारी प्रकरण में जांच शुरू की थी। हाईकोर्ट पूरे मामले की निगरानी कर रहा है। एसआइटी अब तक दो बार स्टेटस रिपोर्ट भी हाईकोर्ट में पेश कर चुकी है। मंगलवार को एसआइटी के आइजी नवीन अरोड़ा ने प्रेसवार्ता करते हुए चिन्मयानंद मामले में अपनी जांच पूरी होने की बात कही थी। गुरुवार को एसआइटी हाईकोर्ट में अपना जबाव पेश करेगी। वहीं, 28 नवंबर को इस प्रकरण में हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जानी है।
यह भी बता दें कि एसआइटी की जांच करीब 60 दिन तक चली। 79 साक्ष्य जुटाए गए। 105 लोगों से पूछताछ की गई। 4700 पेज की केस डायरी तैयार हुई। बीस-बीस पेज की चार्जशीट बनाई गईं। जांच के दौरान 24 भौतिक व 55 अभिलेखीय साक्ष्य एकत्र किए गए। प्रकरण में गवाह बने कार चालक अनूप की ओर से दिए गए वीडियो, चिन्यमानंद, सचिन सेंगर, ओम सिंह आदि के मोबाइल फोन की लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला में फोरेसिंक जांच कराकर मिरर इमेज तैयार कराई गयी। ओम सिंह व चिन्मयानंद के मोबाइल फोन का डिलीट हुआ डाटा भी रिकवर कराया गया। फोन को लखनऊ के अलावा गुजरात की गांधीनगर स्थित डायरेक्टरेट ऑफ फोरेंसिक साइंस लैब भेजा गया।