एमएसएमई विभाग की नीतियों को और अधिक व्यवहारिक बनाया जाय: प्रमुख सचिव

लखनऊ।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भारतीय प्रबंध संस्थान, लखनऊ में सम्पन्न 'मंथन' कार्यक्रम में दिये गये निर्देश के क्रम में शनिवार को प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन डा0 नवनीत सहगल की अध्यक्षता में एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अधिकारियों के साथ 'मंथन' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कैसरबाग स्थित निर्यात प्रोत्साहन भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में शासन व विभागीय अधिकारियों के मध्य विभिन्न नीतिगत मामलों यथा औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 तथा एमएसएमई नीति-2017 के प्रभावी क्रियान्वयन एवं फील्ड स्तर पर आ रही समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की गयी।
प्रमुख सचिव द्वारा यह निर्णय लिया गया कि एमएसएमई विभाग की नीतियों को और अधिक व्यवहारिक बनाया जाय। इसके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु पृथक से नियमावली जारी की जाय, जिसमें एमएसएमई इकाईयों से सम्बन्धित समस्त लाभों जैसे स्टाम्प ड्यूटी में छूट, पॅूजीगत ब्याज उपादान, गुणवत्ता ब्याज उपादान तथा अवस्थापना ब्याज उपादान आदि बिन्दुओं पर स्पष्ट रूप से व्यवस्था सुनिश्चित हो। प्रमुख सचिव द्वारा इस बात पर भी विशेष बल दिया गया कि जनपदीय कार्यालयों को पूर्ण रूप से ई-गवर्नेन्स के तहत लाया जाय तथा कार्यालय में समस्त कार्य आन-लाइन करने की व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित की जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी जिला उद्योग एंव उद्यम प्रोत्साहन कार्यालयों को ''लीन एण्ड थिन'' संस्था के रूप में विकसित किया जाये।
डा0 सहगल ने कहा कि निदेशक उद्योग स्तर से परिक्षेत्रीय संयुक्त आयुक्त उद्योग व उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्रों को समुचित रूप से अधिकार डेलीगेट किये जायेंगें, जिससे उद्यमियों की समस्याओं का निस्तारण जल्द से जल्द फील्ड स्तर पर हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि समस्त परिक्षेत्रीय संयुक्त आयुक्त उद्योग व उपायुक्त उद्योग अनिवार्य रूप से माह में एक बार उद्यमी संगठनों के साथ अपने मण्डल व जिलों में बैठक करे और उद्यमियों द्वारा उठाई गयी समस्याओं पर विचार-विमर्श कर बैठक की कार्यवृत्ति से शासन को भी अवगत करायें।
बैठक में एमएसएमई इकाईयों को त्वरित सुविधायें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्तमान में तैयार किये गये एमएसएमई अधिनियम-2019 के ड्राफ्ट पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया एवं शीघ्र ही समस्त प्राप्त सुझावों को सम्मिलित करते हुए संशोधित ड्राफ्ट तत्काल शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये।
मंथन कार्यक्रम में गौरव दयाल, आयुक्त एवं निदेशक उद्योग के अतिरिक्त उ0प्र0 लघु उद्योग निगम, उद्यमिता विकास संस्थान, हस्तशिल्प विकास एवं विपणन निगम, यूपीआईडी, बीडा, निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो एवं एक जनपद एक उत्पाद प्रकोष्ठ के अधिकारी उपस्थित थे।


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