पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन होना चिन्ता का विषय : मुख्यमंत्री
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तराखण्ड राज्य में आयोजित 'रैबार-2 आवा आपुण घौर' कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि रैबार-2 अपनी भूमि से जुड़ने का एक अभिनव प्रयोग है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के चार-धामों के प्रति देश व दुनिया के श्रद्धालु अपनी सच्ची श्रद्धा रखते हैं। गंगा जी व यमुना जी जैसी पवित्र नदियों के कारण उत्तराखण्ड प्रदेश निश्चित रूप से अतुलनीय है। उत्तर भारत की उपजाऊ भूमि के पीछे उत्तराखण्ड से आने वाली गंगा जी एवं यमुना जी जैसी नदियां का विशेष योगदान है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तराखण्ड का वासी जहां कहीं भी गया है, वहां की समृद्धि में अपना योगदान दिया है। देश की सेना सहित अन्य क्षेत्रों में इस प्रदेश ने कई विभूतियां दी हैं। उत्तर प्रदेश को भी इस प्रदेश ने अनेक मुख्यमंत्री दिए हैं। उत्तराखण्ड में न केवल फिल्म शूटिंग के लिए अपितु देश व दुनिया के हर प्रकार के पर्यटकों के लिए चाहे वे श्रद्धालु के रूप में आएं, चाहे तीर्थाटन के लिए आएं या फिर पर्यटक के रूप में आएं। उन सभी के लिए उत्तराखण्ड बेस्ट डेस्टिनेशन साबित होगा। इसमें कोई संदेह नहीं है कि जिस दिशा में यहां की सरकार ने कार्य प्रारम्भ किया है, जिस तरह से टिहरी झील की ब्राण्डिंग की जा रही है इसके जरिये निश्चित रूप से एक दिन यह झील कश्मीर की डल झील से ज्यादा प्रसिद्धि प्राप्त कर सकेगी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा उत्तराखण्ड उनकी भी जन्म भूमि है। आज उत्तराखण्ड के हर क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं, फिर भी पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन होना चिन्ता का विषय है। आज से 60-70 वर्ष पहले जब यहां सड़क, बिजली, स्वास्थ्य व पेयजल आदि सुविधाओं की पर्याप्त उपलब्धता नहीं थी, बावजूद इन तमाम दुष्वारियों के हमारे पूर्वज यहां आकर बसे। जबकि आज की पीढ़ी सुविधाओं के बावजूद अपने गांवों को छोड़ रही है। भगवान श्रीराम ने भी कहा था कि जननी और जन्मभूमि का कोई विकल्प नहीं हो सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पर्वतीय वादियों से पलायन रोकने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। राज्य से जुड़े उच्च पदों से सेवानिवृत्त हुए अनुभवी अधिकारियों को भी इसमें अपना योगदान देना होगा। स्कूली छात्र-छात्राओं से यह भी अपेक्षा करनी होगी कि अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वे अपने क्षेत्र की सेवा का व्रत लें। इस देवभूमि से सभी ने आस्था व श्रद्धा की ऊर्जा प्राप्त की है। हमारे युवाओं को अपनी जड़ों से जुड़ना होगा। उन्होंने 'आओ अपने घर' के आह्वान को राज्य के व्यापक हित में बताया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमने पिछले 17 वर्षों से उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के मध्य लम्बित मामलों को आपसी समन्वय से हल किया है। उत्तराखण्ड को सिंचाई से जुड़े 3.98 करोड़ रुपए, वन निगम के 99 करोड़ रुपए, खाद्य विभाग के 105 करोड़ रुपए के साथ ही ऊर्जा के 174 करोड़ रुपए की धनराशि देने की सहमति प्रदान कर दी गई है। यह आपसी सहमति से सम्भव हुआ है।
योगी ने कहा कि हमें पहाड़ों पर स्थित विभिन्न मन्दिरों की ब्राण्डिंग भी करनी होगी। उत्तर प्रदेश में बनारस का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ मन्दिर को केन्द्र में रखकर विस्तृत योजना बनायी गई है, जिस पर तेजी से कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने उत्तराखण्ड राज्य में हाइड्रो पावर के साथ ही सोलर व विण्ड पावर की सम्भावनाओं पर ध्यान देने की बात कही।
संतुलित विकास से ही उत्तराखण्ड का किया जा सकता है निर्माण : रावत
कार्यक्रम को उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सम्बोधित करते हुए कहा कि संतुलित विकास से ही जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप उत्तराखण्ड का निर्माण किया जा सकता है। पिछले ढाई वर्षों में सरकार ने ऐसी नीतियां बनाई हैं, जिनसे पर्वतीय क्षेत्रों का विकास हो और विकास का लाभ दूरवर्ती पिछड़े क्षेत्रों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि फिल्म शूटिंग में उत्तराखण्ड को विशेष पहचान मिली है। उत्तराखण्ड को बेस्ट फिल्म फ्रेण्डली स्टेट का अवार्ड मिला है। उत्तराखण्ड की प्राकृतिक सुन्दरता, जैव विविधता और मानव संसाधन हर किसी के लिए आकर्षण का केन्द्र है। प्रकृति का संरक्षण करके इसका उपयोग राज्य के विकास को गति प्रदान करने में कर रहे हैं। सबसे पहले भ्रष्टाचार पर प्रहार करने की जरूरत है। पिछले ढाई वर्षों में हमने भ्रष्टाचार पर कड़े प्रहार किए हैं।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने रैबार-2 कार्यक्रम में आए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पिछली बार यह कार्यक्रम देहरादून में आयोजित किया गया था। इस बार टिहरी झील के किनारे का स्थान चुना गया है। टिहरी ऐतिहासिक स्थल है, जहां गप्पू चौहान जैसे वीर पैदा हुए थे। इसके अलावा, माधो सिंह भण्डारी जिनकी वीरता के साथ-साथ कृषि के क्षेत्र में किए गए उनके प्रयास एवं बलिदान स्मरणीय हैं। साथ ही, विक्टोरिया क्रॉस विजेता गब्बर सिंह जैसे वीरों की धरती आज निश्चित रूप से हम प्रदेशवासियों को प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि रैबार कार्यक्रम प्रेरणादायी बने। अपने गांव के लिए कुछ करें, अपने प्रदेश के लिए कुछ करें, इस सोच के साथ रैबार कार्यक्रम विगत वर्ष से आयोजित किया जा रहा है। उन्हांने कहा कि रैबार के सफल परिणाम आए हैं। तमाम विकास की योजनाओं के लिए जो समर्थन मिला है, उसमें कहीं न कहीं रैबार कार्यक्रम का भी योगदान रहा है।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड स्वाभाविक रूप से ऑर्गेनिक राज्य है। हमने पूरे प्रदेश में ऑर्गेनिक क्लस्टर तैयार किए हैं। हमें उन क्षेत्रों में आगे बढ़ना होगा, जिसमें हमारा एकाधिकार हो सकता है। पिरूल हमारे लिए वरदान साबित होने वाला है। राज्य सरकार ने पिरूल से बिजली बनाने के लिए नीति बनायी है। पिरूल की पत्तियों से बिजली बनाने के 23 प्रोजेक्ट शीघ्र ही राज्य में शुरू होने वाले हैं, जिससे कुछ ही दिनों में बिजली बनना आरम्भ हो जाएगा। गैस की अपेक्षा पिरूल की पत्तियों से होने वाली ऊर्जा की लागत काफी कम है, जल्द ही हम पाईन की पत्तियों से फ्यूल बनाने का पहला प्रोजेक्ट लगाने जा रहे है। चीड़ वनों में विनाश का कारण बन रहा था, पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा था, वही चीड़ की पत्तियों से हमें अब ऊर्जा मिलेगी, हजारां लोगों को रोजगार मिलेगा। यह हमारे विकास का आधार बनेगा।
उत्तराखण्ड का भारतीय सेना में सराहनीय योगदान : सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि सन् 1962 से लेकर आज तक विभिन्न युद्धों में और आतंकवादी घटनाओं को नाकाम करने में उत्तराखण्ड के सैनिकों ने जो महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की ओर से उत्तराखण्ड सरकार के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। हाल ही में हमने चीन के साथ लगे पहाड़ी इलाकों में अखरोट और चिंगोले की खेती में सहयोग के साथ टेलीकॉम की सुविधा, सड़क निर्माण एवं एडवांस लैण्डिंग एयर फील्ड के सम्बन्ध में भी पहल की है।
सेना प्रमुख ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में जो भी कार्यक्रम होता है, उसमें भारतीय सैनिकों व माताओं को सम्मानित किया जाता है। उत्तराखण्ड का भारतीय सेना में सराहनीय योगदान है। उत्तराखण्ड ने हमारी सेना को कई वीर सपूत दिए हैं।
इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को उत्तराखण्ड के विकास में योगदान की शपथ दिलायी गई। इसके अतिरिक्त, वीर नारियों को सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम के दौरान एनटीआरओ के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी, कोस्ट गार्ड के पूर्व महानिदेशक राजेन्द्र जोशी, उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।