पूरी दुनिया का पेट भरने की शक्ति रखता है उ.प्र. का किसान: योगी

मुख्यमंत्री ने नवचयनित सहायक अभियन्ताओं को वितरित किए प्रमाण पत्र
लखनऊ।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान प्रदेश है। कृषि की बेहतरी के लिए सिंचाई आवश्यक तत्व है। उन्होंने कहा कि जल जीवन का अभिन्न हिस्सा है। जल के महत्व को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया है। इसके क्रम में वर्तमान प्रदेश सरकार ने भी राज्य में जलशक्ति मंत्रालय गठित किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने पूरी शुचिता व पारदर्शिता के साथ नियुक्तियां प्रदान करने का काम किया है।
मुख्यमंत्री ने आज यहां उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की मेरिट के आधार पर निष्पक्ष एवं पारदर्शी पद स्थापना प्रक्रिया में प्रतिभागी सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के नवचयनित सहायक अभियन्ताओं (सिविल/यांत्रिक) के प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम को सम्बोेधित कर रहे थे। उन्होंने सभी अभियन्ताओं को छठ पर्व व नियुक्ति की बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन आपके जीवन के लिए स्वर्णिम दिन है, क्योंकि आज आप अपने पैरों पर खड़े होकर सम्मान और स्वावलम्बन की जिन्दगी में प्रवेश कर रहे हंै। उन्होंने कहा कि कोई कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता, जब कोई कार्य पूरी जिम्मेदारी के साथ किया जाता है तो वह, कार्य स्वतः बड़ा हो जाता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नवचयनित सहायक अभियन्ताओं- गौरव गोयल, यशोधरा बिष्ट, सलमान अहमद, वैभव पाण्डेय, गीता कुमारी, नेहा मिश्रा, तन्वी श्रीवास्तव, सौरभ मालवीय, सूर्य भूषण राय तथा प्रज्ञा राय को प्रमाण पत्र वितरित किए।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट काॅरपोरेशन की ओर से 54 लाख रुपए का डिविडेण्ड चेक तथा 32 लाख 11 हजार रुपए की धनराशि का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु सौंपा गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी नवचयनित अभियन्तागण सिंचाई विभाग द्वारा किये जाने वाले विभिन्न कार्यों को पूरी योग्यता और ऊर्जा के साथ संचालित करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी अभ्यर्थियों ने देश की नामी संस्थाओं से डिग्री प्राप्त की है। डिग्री प्राप्त करना एक सैद्धान्तिक पक्ष है, वहीं अब आप इस डिग्री के माध्यम से व्यावहारिक कार्य क्षेत्र में उतर रहे हैं। अब आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए कि प्रदेश के किसानों को किस प्रकार से अच्छी और उच्च श्रेणी की सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सके। विभाग की बेहतर छवि बनाने में आप महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की धरती इतनी उपजाऊ है कि यहां का किसान पूरी दुनिया का पेट भरने की शक्ति रखता है। इसके लिए आवश्यक है कि किसानों को बेहतर तकनीक उपलब्ध करायी जाए। अधिक अन्न उपजाने के लिए फसलों की सिंचाई के लिए जल अत्यन्त आवश्यक है। उत्तर प्रदेश का भौगोलिक क्षेत्रफल 240.93 लाख हेक्टेयर है। इसमें से कृषि योग्य क्षेत्रफल 188.40 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से 165.73 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में खेती होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को कार्ययोजना बनाकर इसी वित्तीय वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने अयोध्या का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा राम की पैड़ी को हरिद्वार की हर की पैड़ी की तरह स्वच्छ जल उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत 75 हजार किलोमीटर नहरों, 33,848 राजकीय नलकूपों, 252 डाल नहरों, 29 वृहद एवं पम्प नहरों तथा 69 जलाशयों के माध्यम से लगभग 98.48 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र की परियोजनाओं सहित वर्तमान में राज्य मंे कुल 246 परियोजनाएं प्रगति पर हैं। वर्तमान राज्य सरकार ने दशकों से लम्बित बाण सागर परियोजना को पूर्ण कराया है। इस परियोजना के पूर्ण होने से सिंचन क्षमता में 01 लाख 50 हजार हेक्टेयर से अधिक की वृद्धि हुई।
जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से उत्तर प्रदेश तेजी से बदल रहा है और आगे बढ़ रहा है। वर्तमान सरकार ने प्रत्येक भर्ती को पूरी पारदर्शिता के साथ सम्पन्न कराने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पहली बार मेरिट के आधार पर अभ्यर्थियों को विकल्प भरने का अवसर भी दिया गया।
ज्ञातव्य है कि सिंचाई विभाग में नवनियुक्त 544 सहायक अभियन्तागण का चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, प्रयागराज द्वारा किया गया है। इन नवनियुक्त सहायक अभियन्ताओं में 395 अभियन्ता (सिविल) तथा 149 सहायक अभियन्ता (यांत्रिक) के हैं। नवनियुक्त अभियन्तागण में 107 महिलाएं हैं। साथ ही, अन्य पिछड़ा वर्ग के 161, अनुसूचित जाति के 101, अनुसूचित जनजाति के 08 तथा दिव्यांग वर्ग के 15 अभ्यर्थी भी नियुक्त हुए हैं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन टी0 वेंकटेश, सूचना निदेशक शिशिर, प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन अनूप कुमार श्रीवास्तव सहित शासन-प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।


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