कृशि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृशक जागरूकता अभियान

उन्नाव 


आज कृशि विभाग द्वारा संचालित कृशकोपयोगी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने हेतु विकास खण्ड स्तरीय कृशि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृशक जागरूकता अभियान, किसान मेला का आयोजन विकास खण्ड बिछिया में किया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अधिक-से-अधिक कृशकों को सम्मिलित होने के लिये इफको टोक्यों कम्पनी के प्रचार-प्रसार वाहन को विधायक जी ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
मेला का षुभारंभ श्री पंकज गुप्ता माननीय विधायक, सभापति स्थानीय निकाय, लेखा-परीक्षा समिति विधान सभा उ0प्र0 ने किया। विधायन ने कृशकों को अनुदान पर बीज वितरण भी किया, उन्होंने कृशकों को सम्बोधित करते हुये कहा कि किसान अन्नदाता है और उनकी आमदनी दोगुनी करने के लिये माननीय प्रधानमंत्री व माननीय मुख्यमंत्री ने अनेकों योजनायें चलायी है। किसान भाई राजकीय कृशि बीज भण्डार से जुड़कर इन योजनाआंे का लाभ प्राप्त कर सकते है। कृशकों को बीज, उर्वरक, सिंचाई के यंत्र व अन्य सभी प्रकार के यंत्रों पर 50 से 90 प्रतिषत तक अनुदान सरकार मुहैया करा रही है, जिससे किसानों की खेती-किसानी की लागत में कमी आये और अच्छी किस्म का बीज व सामग्री प्राप्त कर, अधिक-से-अधिक उत्पादन किसान भाई प्राप्त कर सकें। समर्थन मूल्य पर धान, मक्का की खरीद भी की जा रही है। किसान सामूहिक रूप से मिलकर फसलों के साथ-साथ, पषुपालन, सब्जी उत्पादन, केला, पपीता की खेती करें तो 1 लाख रूपया बीघा तक मुनाफा हो सकता है।
उप कृशि निदेषक ने किसानों का आहवान किया कि वह पी0एम0 किसान सम्मान निधि योजना में आधार कार्ड के अनुसार पोर्टल पर नाम, संख्या का संषोधन बीज भण्डार पर जाकर करा लें। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिये और 4 प्रतिषत ब्याज पर खेती-किसानी के लिये ऋण लेने हेतु बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड अवष्य ही बनवायंे। नाबार्ड योजनान्तर्गत किसान भाई को रूपया 1,40,000 का ऋण की दो भैंस पालन हेतु प्राप्त होता है। जिसका 25 प्रतिषत अनुदान है। किसान भाईयों को खेती किसानी द्वारा उनके साथ में पषुपालन, बागवानी, मछली पालन , मसालों की खेती, आदि पर विभिन्न योजनाओं में तकनीकी एवं आर्थिक रूप से मदद की व्यवस्था सरकार ने की है। उन्होंने कहा कि किसान भाई फसल अवषेश में आग न लगाये बल्कि फसल अवषेश को खेत में ही सड़ाकर कार्बनिक पदार्थ की मात्रा में वृद्धि करें, तभी उर्वरकों का सही फायदा फसलों को प्राप्त होगा। वैज्ञनिकों ने कृशकांे को लाइन से गेहॅू की बोआई करने की सलाह दी और अच्छी भूमि में पहली सिंचाई 21 दिन के बाद करें, एवं ऊसरीली भूमि में पहली सिंचाई 28 दिन बाद करें। सरसों की खेती में पेड़ से पेड़ की दूरी 06 इंच और लाइन से लाइन की दूरी 09 इंच रखने पर अच्छी पैदावारी होती है इसलिये विरलीकरण करें।
किसान मेला में उप कृशि निदेषक, कृशि विज्ञान केन्द्र धौरा के वैज्ञानिक, एन0एफ0एस0एम0 सलाहकार, कृशि, ग्राम विकास, पषुपालन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी एवं विकास खण्ड के भारी संख्या में पुरूश, महिला किसान उपस्थित रहें।


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