निर्भया कांड : चौथे दोषी ने मौत की सजा के फैसले पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की


नयी दिल्ली


राजधानी में दिसंबर, 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले चार दोषियों में से अंतिम दोषी ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की. उच्चतम न्यायालय ने नौ जुलाई, 2018 को इस सनसनीखेज अपराध में संलिप्त चार में से तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी थीं.


अभी तक पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने वाले दोषी 31 वर्षीय अक्षय के वकील एपी सिंह ने बताया कि उसने मंगलवार को इस संबंध में याचिका दायर की है. दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में 23 वर्षीय निर्भया से छह व्यक्तियों ने बर्बरता पूर्वक सामूहिक बलात्कार किया था और उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था. निर्भया की 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर में माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी. शीर्ष अदालत ने इससे पहले मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की पुनर्विचार याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि फैसले पर विचार करने का कोई आधार नहीं है.


न्यायालय ने 2017 में निर्भया कांड के दोषियों को मौत की सजा देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था. उच्च न्यायालय ने इन मुजरिमों को मौत की सजा सुनाने के निचली अदालत के फैसले की पुष्टि की थी. इस वारदात में शामिल छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी, जबकि एक अन्य आरोपी नाबालिग था और उसे तीन साल की सजा पूरी करने के बाद सुधार गृह से रिहा कर दिया गया था.


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