काशी के एक स्कूल प्रिंसपल ने माफ की 500 बच्चों की फीस, बोले- स्टॉफ की भी नहीं रुकेगी तनख्वाह


वाराणसी


कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के बीच देश में लॉकडाउन जारी है। स्कूल-कॉलेज बंद हैं। लोग घरों में कैद हैं। इस बीच कई जगहों पर स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर माह जून तक फीस जमा करने का दबाव बनाया गया। नतीजा लखनऊ, नोएडा में प्रशासन ने दबाव बनाने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की चेतावनी दी। लेकिन वाराणसी में पुष्पा सिटी प्राइड स्कूल सामने आया है, जिसके प्रिंसपल ने अपनी मां की एक बात पर सभी बच्चों की फीस जून माह तक की फीस माफ कर दी है। यह भी कहा- किसी कर्मी के वेतन में कटौती नहीं की जाएगी। 


नई बस्ती पांडेयपुर स्थित पुष्पा जूनियर हाईस्कूल के प्रबंधन समिति ने अप्रैल, मई व जून माह तक की फीस माफ करने का ऐलान किया है। प्रिंसिपल वाचस्पति श्रीवास्तव ने बताया कि फीस को लेकर तमाम अभिभावकों के फोन आ रहे थे। इस संबंध में मैंने अपनी 65 वर्षीय मां पुष्पा श्रीवास्तव से बात की। मां ने कहा- पूरा देश कठिन परिस्थिति से गुजर रहा है। हम कैसे किसी की मदद करें? यही हमारे लिए महत्वपूर्ण है। सभी बच्चों की फीस माफ कर दो और ये मदद नहीं, कर्तव्य समझ कर कर दो। इतना ही नहीं मां ने सभी 15 स्टाफ की तनख्वाह न रोकने की हिदायत भी दी।


500 बच्चों का इस स्कूल में रजिस्ट्रेशन।


यह स्कूल कक्षा आठ तक है। पुष्पा श्रीवास्तव ने कहा- ये हमारे संस्कार में है। जब कोई दुखी हो तो उसके दुख में शमिल हो। तभी एक दूसरे को समझ पाएंगे, जो 500 से ज्यादा बच्चे हमारे स्कूल में पढ़ रहे हैं, वो भी हमारे घर के सदस्यों की तरह ही है। समय, परिस्थितियां ठीक होंगी तो पैसे आते जाते रहेंगे।


हिंदी की टीचर पूजा श्रीवास्तव ने भी इस पहल में पति वाचस्पति का साथ दिया। उनका भी यही कहना था कि अगर किसी अभिभावक को कोई अन्य मदद चाहिए तो वो भी किया जाएगा। किसी भी स्टाफ के वेतन में कटौती नहीं की जाएगी।


Popular posts from this blog

भारत विदेश नीति के कारण वैश्विक शक्ति बनेगा।

स्वरोजगारपरक योजनाओं के अंतर्गत ऑनलाइन ऋण वितरण मेले का किया गया आयोजन

बांसडीह में जाति प्रमाण पत्र बनाने को लेकर दर्जनों लोगों ने एसडीएम को सौपा ज्ञापन